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रोज ए इश्क़ निकाला

Shiv Kishore 01 Jun 2023 शायरी दुःखद रोज _ ए _इश्क़ निकाला , ताला 6188 0 Hindi :: हिंदी

बड़ी मुस्किल से मैंने रोज _ ए _इश्क़ निकाला ,
उस पर भी घर वालों ने जड़ दिया ताला ।
हम समझे थे कि हम अच्छी किस्मत आए लेकर___
जब जवां हुए तो निकला फूटा भाग्य साला ।
       __ शिव किशोर, शाहजहांपुर,यूपी

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