यूँ दागी ना करो मेरी मोहब्ब्त को तुम,
हम उसे ज़क़ात में किसी को सौंप आये हैं…
जाती है जो गली नाके से मोहान तक,
उन गलियो में उसे भटकता छोड़ आये हैं…
गलतफहमी में आकर बेवफ़ा ना कहो उसे,
हम भी तो हज़रतगंज में उसे बिलखता छोड़ आये हैं..
उसकी आगोश में जो लम्हा बीता था,
उस लम्हे के साथ ही खुद को छोड आये हैं…!!
#देव…