SHUBHAM PATHAK 06 Jul 2023 कविताएँ दुःखद GOOGLE YAHOO 4460 0 Hindi :: हिंदी
मृत्यु मृत्यु से क्यू डरता है, एक न एक दिन तो आना है हर पल ऐसे जिओ जैसे अभी चले जाना है जो करना है तुरंत करलो क्या रक्खा है इस जीवन मे कौन पराया कौन अपना कोन सगा है इस जीवन मे सोचो अकेले आये तो अकेले ही जाना है अकेले नाचना , अकेले गाना और अकेले ही बजाना है जीवन जैसा भी हो अर्थी तो गैरो ने ही सजाना है पूरा जीवन संघर्ष है अंतिम यात्रा ही अंतिम खजाना है हिन्दू है तो जलाना और मुस्लिम है तो दफनाना है मनुष्य जनम मिला है तो प्रभु के गुण गाओ अपने पीछे कुछ अच्छी यादें छोड़ कर जाओ छोटा सा जीवन हे यारो अच्छा सोचो धरती के सितारों बुरी आदतों को ठोकर मारो अच्छाइयों को दिल में उतारो