संदीप कुमार सिंह 08 Jul 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी रोमांचित होंगें। 4944 0 Hindi :: हिंदी
(मुक्तक छंद) मस्त कशिश में महक है,आकर्षण भी खूब। पास चले आते सभी, लगती है महबूब। गजब श्रृंगार में रहे, करती दिल पर राज_ कायल उसका है सभी, चाहत हो मंसूब। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....