Narayan Choudhary 24 Nov 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत #love #self ,#trending 4923 0 Hindi :: हिंदी
इस प्रेम पर है मोह पहरा , हर नाज़ुक इंसान यहां पर है ठहरा।।१।। जितना किया इसे कम उतना, हों गया यह गहरा ।।२।। जो नहीं समझ पाया इसके जाल को , वो चुनौती दे बैठे हैं अपने काल को।।३।। प्रेम ओर मोह की लोगों में फैली है एक भ्रांति , कोई निराशा से सह रहा, तो कोई कर रहा है क्रांति।।४।।