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प्यारी मधुशाला-क्या गीत लिखूँ में तुम पर जो प्यार लुटाये हर प्याले ने

Bholenath sharma 13 Jan 2024 कविताएँ समाजिक प्यारी मधुशाला 8276 0 Hindi :: हिंदी

क्या गीत लिखूँ में तुम पर जो प्यार लुटाये हर प्याले ने                                             बिना ही पथ बतलाये आते है। रोज तेरे प्याले ,                                               तू कहीं भी हो छिपी वसुधा के कोने में        ढूंढ लेते तुमको तेरे हर दीवाने प्याले ।         ये सच्चा प्यार हुआ है। तुमको प्यारी मधुशाला से                                                         छोड़ नहीं सकता है तुमको तेरी यह मधुशाला ,                                            यह अब जीवन है उसका तू दर -दर भटकेगा पीनेवाला                                    फिर भी चाह उसकी है प्यारी मधुशाला ।       गिरते , पड़ते , लड़ते , झगड़ते , आता है वह पीने वाला                                       व्यथति भाव से भरा हुआ है फिर भी आता है। मधुशाला ,                                      छोड़ नहीं सकता है वह प्यारी मधुशाला को                                                         कितने अपने हुए पराये पर सच्ची मेरी मधुशाला |

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