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ज्ञान अनमोल खजाना है

Rambriksh Bahadurpuri 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक #Rambriksh Bahadurpuri Ambedkar Nagar #rambriksh Bahadurpuri Ambedkar Nagar poetry #gyan per kavita # 82782 0 Hindi :: हिंदी

ज्ञान अनमोल खजाना है 
बांट सका है कौन इसे ?
न भाई बंधु जमाना है 
अनमोल रतन है हर रत्नों में 
पर इसको नहीं छुपाना है 
ज्ञान की ज्योति जले घर-घर में
ज्योति से ज्योति जलाना है
घर-घर महके ज्ञान की खुशबू 
ज्ञान का अलख जगाना है 
ज्ञान बिना मानव जीवन भी 
पशु सा खाकर मर जाना है 
व्यवहार वचन संस्कार भला 
बच्चों को खूब बताना है 
क्या बचपन क्या बृद्धापन ?
न इससे हमें घबराना है 
लूट सको तो लूट लो इसको 
ज्ञान अनमोल खजाना है। 
ज्ञान तीसरा नयन हमारा
ज्ञान है तो संसार सुहाना है
ज्ञान बिना हम अंधा जैसे
बिना ज्ञान के नैन बेगाना है
ज्ञान से संजय देख लिया रण
सूरदास में कृष्ण छवि मस्ताना है 
ज्ञान अनमोल खजाना है 
बांट सका है कौन इसे ?
न भाई बंधु जमाना है 

रचनाकार -रामबृक्ष बहादुरपुरी, अम्बेडकरनगर यू पी 

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