Shivani singh 23 Jun 2023 कविताएँ अन्य 7094 0 Hindi :: हिंदी
उड़ चलीं परियां अपनी हवाओं में, मधुर स्वरों में लहराती बादलों के साथ। सोने के ज़र्रों से भरीं रौशनी के दिये, मनोहारी सबसे आकर्षक छायाओं के साथ। चमकती हैं परियां स्वर्णिम सितारों की तरह, अंतरिक्ष में नग्नता के आँगन में खिलती हैं। देवदारु वृक्षों से ढँकी खुशबू से महकती हैं, नदियों की मनमोहक लहरों के संग निचली हैं। हर फूल खिलातीं परियां ख्वाबों के जैसे, हर सुबह उठकर सृष्टि का सौंदर्य बनाती हैं। पृथ्वी की उद्धार उन्मुखी यात्री ये परियां, प्रकृति के अरमानों को साकार करती हैं। कोमल होंठों पर मुस्कान खिलातीं हैं परियां, दिल की धड़कनों में अमृत की सरगम बसाती हैं। प्रेम की मिठास और स्नेह की वाणी ले आतीं हैं, परियों की मूर्ति जग में खुशियों को छाती हैं। परियां हमारी मानवता की सदगुण छानती हैं, सौंदर्य का प्रतीक, प्रेम का प्रतिमान बनती हैं। सृष्टि की सजावट में रंग-बिरंग ी खुशियों की लहर, परियां आत्मा को पवित्रता की ओर ले जाती हैं। सोचों की उड़ान, ख्वाबों की नाव लेकर जाती हैं, परियां अपने पंखों पर बस उड़ान भरती हैं। इस आसमान की उचाईयों पर विचरण करतीं हैं, परियां बस सपनों को हकीकत में लाती हैं। परियां हमारी दुनिया की मशाल जलाती हैं, भाग्यशाली हमें ख्वाबों की राह दिखाती हैं। प्रेम और शान्ति का सन्देश ले आतीं हैं परियां, सृष्टि की सुंदरता में हमें भाग्यशाली बनाती हैं।