संदीप कुमार सिंह 14 Jul 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 6879 0 Hindi :: हिंदी
(दोहा छंद) धरती के भगवान से,रखिए सब परहेज। ज्यादा रखें लगाव तो, कर देगा निस्तेज।। धरती के भगवान तो,धरती मातु विशाल। राजा रंक समाय सब, इनका यही कमाल।। धरती के भगवान हैं, माने तो सब जीव। सबका ही अधिकार है, सब हैं खास अतीव।। धरती के भगवान तो,बना रहा सुनसान। नित संकट है सामने, डोल रहा ईमान।। धरती के भगवान को,मरना पड़ता यार। वहम नहीं पालें यहां,रखिए प्यार अपार।। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍️ जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....