मोती लाल साहु 12 Jun 2023 शायरी समाजिक स्वभाव से शांत हूं- शांति के साथ रहता हूं- यह ठाठ है नवाबों का, वरना जिसे लोग दौलत समझते हैं एक झूठे सपनों का रेस है जिसका कोई मंजिल नहीं। 5818 0 Hindi :: हिंदी
स्वभाव से शांत हूं- शांति के साथ रहता हूं, यह ठाठ है नवाबों का-जनाब..! वरना इस दुनिया में- जिसे लोग दौलत समझते हैं..!! एक झूठे- सपनों का रेस है, जिसका कोई मंज़िल नहीं...!!! -मोती