मोती लाल साहु 20 Jan 2024 शायरी अन्य जग-ए-जीवन प्राण रूप ईश्वरा 7645 0 Hindi :: हिंदी
युग-युगत कारण-ए-तारणहार, जन-ए-जगत का वह तारणहार,, कण-कण में रहता वह तारणहार, जग-जीवन प्राण रूप ईश्वरा।। -मोती
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