Meenakshi Tyagi 01 Jul 2023 शायरी अन्य Neha Tyagi 5209 0 Hindi :: हिंदी
न जाने मंजिलों के भी कब से कदम आ गए हम जितना करीब जाने की कोशिश करते है वो और भी आगे चली जाती है।
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