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ऐ मुसाफिर-मुसाफिर तू अपना रास्ता बनाके चल

Preeti singh 25 May 2023 कविताएँ समाजिक 7603 0 Hindi :: हिंदी

मुसाफिर तू अपना रास्ता बनाके चल ,
हो लाख कंकर उसको अपना बना के चल

 उड़ा कर ना ले जाए तुझे लालच की आंधियां अपने हिस्से का बस तू खाके चल।

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