Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

हम स्वच्छ:भारत स्वच्छ

अंजली कुमारी 18 May 2024 कविताएँ अन्य हम स्वच्छ :भारत स्वच्छ 2194 1 5 Hindi :: हिंदी

स्वच्छता से सुसज्जित,
था यह शांतिमय संसार।
किंतु मानवों के कुकृतियों से,
हुआ प्रदूषण का शिकार।

प्रदूषित हो चुकी है ध्वनि,
प्रदूषित हो चुका है जल।
वायु भी अब स्वच्छ न रहा,
प्रदूषित हो चुका है थल।

हे मानव! तुम वृक्ष न काटो,
उनके बिना शून्य जीवन है।
जितना हो सके पेड़ लगाओ,
पेड़- पौधे अनमोल रतन है।

थी यहां खुशियों की रंग,
इन कचरो ने बना दिया इस बेरंग।
हम भी हरियाली बनाएंगे,
प्यारा भारत देश बचाएंगे।।

Comments & Reviews

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: