Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

खुदगर्ज- सारे अक्षर व्यर्थ

Kanhaiyalal 19 Dec 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत 7268 0 Hindi :: हिंदी

अक्षर सारे व्यर्थ निकले 
पंक्तियों में जब उनके अर्थ निकाले 
शान समझ संजोया जीन रिश्तों को 
वह भी एक ख़ुदग़र्ज़ निकले 
हम क्या जाने कौन किस धर्म से निकले 
और तुम तो राजदार हुआ करते थे प्यार के गालिब 
तो तुम ही कैसे बेगैरत निकले
किस से छुपा होगा दर्द हमारा
कमबख्त सारे फरेबी और हमदर्द निकले

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: