Jyoti yadav 16 Jun 2023 कविताएँ समाजिक वक्त के साथ ये वक्त बदल जायेंगे 7452 0 Hindi :: हिंदी
माना अभी हालात थोड़े बिगड़े है कुछ वक्त लगेगा सब सम्भल जायेंगे मेरे वक्त को देखकर मत इतराओ तुम वक्त के साथ ये वक्त बदल जायेंगे बेशक आज मेरे आंखों में आसूं है पर कल नहीं रहेंगे दावा करती हूं वापस से लाऊंगी इन होठों पर मुस्कान इरादे मजबूत है और वादा करती हूं लड़की हूं लड़ना जानती हूं कमजोर नहीं हूं बस कहना मानती हूं खामोश हूं यह मेरी कमजोरी नहीं है कुछ मजबूरी है,मंजुरी नही है उम्मीद है मुझे इक दिन अदालत मेरे लिए भी खुलेगी होगी बहस जोरों कि वकालत मेरे लिए भी होगी आसमान में भेजी हुई दुआ मेरी मंजूर होगी जो मांगी हूं रब से हसरत पुरी जरूर होगी उस दिन गर्दिश का आदित्य थोड़ा चमकिला होगा फलक में चांद पुरा होगा सितारों में खुब रौशनी होगी बादल बरसेंगे मयूर नाचेंगे कलियां खिलेंगी फूल महकेंगे कूछ वक्त लगेगा सब सम्भल जायेंगे वक्त के साथ ये वक्त बदल जायेंगे