Poonam Mishra 18 May 2023 ग़ज़ल प्यार-महोब्बत हम अपने गम को भुलाने निकले 8124 0 Hindi :: हिंदी
एक हम थे जो तुम्हारे रंग में रंगने! की चाहत लिए फिरते थे ! एक तुम थे जो हर रंग को ! बेरंग किए फिरते थे ! एक हम थे जो उनकी याद में दिन रात आंसू बहाया करते थे! एक तुम थे है जो अकेले ही बरसात में भीगा करते थे ! ना जाने मेरी वफा में क्या ? कमी रह गई ! बड़ी ही बेरहमी से तुम! बेवफा निकले आजकल दिल खामोश है ! आंखों से ही कुछ कहते हैं l जो तुम न समझो! तो किसी और को क्या समझाने निकलेl