मनोज कुमार 11 Jul 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत #प्यार #सहारा #एहसास #दर्द 5911 0 Hindi :: हिंदी
मुझमें भी सहारा ला दें मैं बह चला हूँ उस दरिया के पार न है दोस्त मेरा, न है यार आँखें भी अब किश्ती बनकर डूब चुकी है जो बेइंतिहा किसी की हो चुकी है मैं टूट चुका हूँ दिल से ये कितना ठहरा मुश्किल से ये हे ! खुदा मुझे भी वो दर्द दोबारा ला दें मुझमें भी सहारा ला दें ये कितनी यादें सताई जा रही है डोली में बैठकर पराई जा रहीं हैं कौन इतना सितम ढा दिए हैं ये जो आँखों में मेरे सर दिए हैं ये अब अनबन हैं सारे ख्वाब जो देता नहीं इक जवाब क्यों करें इतना जुल्म कोई मुझे इशारा ला दें मुझे भी सहारा ला दें मनोज कुमार गोण्डा उत्तर प्रदेश