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मैं आज का युवा हूं -कही कही भटका सा हूं

Ujjwal Kumar 23 Sep 2023 कविताएँ अन्य मैं आज का युवा हूं ... 12972 0 Hindi :: हिंदी

मैं आज का युवा हूं ..........
कही कही भटका सा हूं 
ख्वाबों के समंदर में रहता हूं 
पर हकीकत से डरता हूं 

मैं आज का युवा हूं .........
आज की शक्ति हूं  
है अदम्य साहस भरा मुझमें 
आज के समय की दृष्टि हूं 

मैं आज का युवा हूं ...............................
 जोशीला, कर्मठ, साहसी, मेहनती 
ये मेरी कुछ अदाएं है 
पर निर्लज और पथ भ्रष्ट भी कहा जाता हूं 

मैं आज का युवा हूं ................................
जो अगर सही दिशा में सोचे 
तो चांद पर उतर सकता हूं 
पर जो मैं चाह लू अगर 
तो खुद अपने द्वेष तथा भावनाओ के दलदल में फंस सकता हूं 

मैं आज का युवा हूं ......................
मुझ पर देश का भविष्य टिका है 
जो तो मैं सही दिशा में बड़ा तो देश सफलताओं की नई बुलंदियों को छू ले 
जो मैं गलत जाऊ तो देश अंधकार की गर्त में समा जाए

मैं आज का युवा हूं .....................

रचनाकार- उज्ज्वल कुमार ✍️

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