Phool Jahan 07 May 2024 ग़ज़ल प्यार-महोब्बत 917 0 Hindi :: हिंदी
वोआये इस तरह से मेरे हिज़ार में पलके बिछाए बैठे हो जैसे इंतजार में। दिल तोड़ना ही था तो सौदा ही क्यों किया। फिर बेचने चला है उसको बाजार में। सदियों तलाक जीएगी मोहब्बत यह अब मेरी। क्यों सोच रहा बैठकर तू अब बेकार में। यादों को दफन करके मेरे सामने यूं ही। अब रो रहा है बैठकर मेरे बाजार में।।