Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

मैं खुद से दूर हो गया

Sameer abbasi 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य #newquotes #bachpan #viral #life 51981 0 Hindi :: हिंदी

मैं खुद से दूर हो गया हूं,
कहा हु में लोगो से ये पूछने को मजबूर हो गया हूं।
हंसती खेलती जिंदगानी में पता नहीं कब जिम्मेदारी का बोझ आ गया।
बच्चा कहलाने वाला में अब बड़ो की श्रेणी में आ गया।
स्कूल की बंदीश से ज्यादा ये कॉलेज की आजादी अब मुझे चुभती है ।
अच्छा था वो उंगली पकड़ के चलना,
वो अकेले में सड़क पार करने से डरना।
 वो दिन ना जाने कहा गए, 
वो बचपन वाले दोस्त ना जाने कहा गए।
वो मां के पास सोना और साथ में नानी के घर जाने के लिए रोना।
नहीं आयेंगे वो दिन,
नही आएंगी अब वो यादें।
किससे जिद करे उस बचपन वाले बच्चे की तरह,
कौन सुनने वाला है।
ये घड़ी का कांटा है जनाब हमारे रोने या जिंद करने से थोड़े ना रुकने वाला है 💖

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: