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आरसा-नि बोलला मला, कोनते रूप दाखवू मी तूला

Samir Lande 17 Jul 2023 कविताएँ समाजिक Samir Lande समीर लांडे आरसा कविता मराठी कविता संग्रह love broken heart shayri प्रेम कविता मराठी कविता संग्रह 9259 0 Hindi :: हिंदी

आज हसला आरसा, 
नि बोलला मला, कोनते रूप दाखवू मी तूला.
तू फसवितो जगाला की स्व:ताला,
हे कळतय का तुला.
हो बघीतलय झाडाची पाने गळताना,
उभ आयुष्य मानसाच जळतांना.
मूळान प्रमाणे सात कोण देणार ?
काम झालं की पतरवाळी प्रमाणे लोकं फेकून देनार 
प्रत्येकाने बगावे आरशात,
विचारावे एकदा तरी स्वतःला 
माणूस राहिलय का आत ,
का नुसत हव्यास भरलाय तुझात...
शब्द :- समीर लांडे

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