Pragati Rai 30 Mar 2023 कविताएँ दुःखद Pragati Rai ki kavita 13190 0 Hindi :: हिंदी
आज कॉलेज गईं थी, अपने क्लास में भी गई थी, कुछ ख़ास तो बदला नहीं था, दीवारे भी वही थी, ईट भी वही थे, पर फिर भी कुछ खाली खाली सा महसूस हो रहा था, बहुत कुछ था जो ना बदले हुए भी बदल सा गया था, न मेरे वो सारे दोस्त थे, ना मेरा वो क्लास, क्योंकि जो हमारा था वो क्लास आज किसी और को दे दिया गया था, ना मेरे वो सारे मित्र थे, ना हम सबकी वो ग्रुप वाली फ़ोटो लेने की दौड़, क्लास तो वही था, पर क्लास वाली पार्टी कहीं धुधली धुधुली सी दिख रही थी, फ़ील्ड भी वही था, पर ग्रुप वाली सेल्फी कहीं धुधली धुधुली सी दिख रही थी, क्लास की वो मस्ती, वो चिप्स का पैकेट, वो एक दूसरे की खिंचाई, आज यूं लगा जैसे इतने साल बाद भी मैं, मानो जैसे deled में, कुछ घंटों के लिये चली गईं थी......... Miss you Deled. Pragati Rai Village - Raisa Post- Kasara (Mau)