Sudha Chaudhary 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य 81526 0 Hindi :: हिंदी
अभिमान न कर, मत उलट-पुलट संसार अरे विध्वंस अरे मच जाएगा। आंखों में दीप जला दुर्दिन में काम आएगा है आज दंभ का पुतला रचना का मूल्य न समझे कातर होंगी आंखें जब विपरीत दिशा में होगे। है मौन किसी का सच्चा, साधक बन जा आधार से पुष्पित होगा जीवन सुख का। समय का पहिया है, धीरे-धीरे डोलेगा तुम आज वहीं रुक जाओ कल समय नहीं बोलेगा। धीरे-धीरे टूटेंगी घनघोर निराशा मन की। कैसे अटल खड़े हो गए जीवित इच्छाओं से सुधा चौधरी