Preeti singh 14 May 2023 कविताएँ हास्य-व्यंग जो दुख झेले वही दुख समझे 7413 0 Hindi :: हिंदी
हम शराबियों का गम कोई क्या समझे , जो दुख झेले वही समझे अच्छे खासे थे जिंदगी में, जी रहे थे मजे में बोतल हमारी टूट गई अब तो हम जी रहे हैं सजे में।
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