Poonam Mishra 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक बचपन को फिर से जीने की तमन्ना 49031 0 Hindi :: हिंदी
बचपन तुम फिर से वापस आ जाओ मुझ पर एक एहसान कर जाओ फिर से तुम मुझ संग प्रीत लगाओ वह बारिश में कागज की नाव चलाओ फिर से मैं नंगे पांव दौड़ लगाऊ अबकी बार मैं जीतू तुम हार जाओ बचपन तुम फिर से वापस आ जाओ मुझ पर एक एहसान कर जाओ फिर से मा का वह आंचल दे जाओ जिस की छांव में दुनिया की हर खुशियां दे जाओ फिर से पापा की वह सख्ती दिखलाओ जिस के डर से तुम फिर वापस ना जा पाओ बचपन तुम फिर से वापस आ जाओ मुझ पर एक एहसान कर जाओ