Preeti singh 14 May 2023 कविताएँ हास्य-व्यंग अरे थोड़े पैसे कम थे तो उधारी की पी लिया। 6857 0 Hindi :: हिंदी
बहुत गम थे जिंदगी में हमने थोड़ी सी दारू जो पीली, अरे थोड़े पैसे कम पड़ रहे थे तो उधारी की पीली, जब घर लौटे इलाज करवा कर अपना तब बीवी चप्पल से मारने का मुझे देख रही थी सपना।