Preeti singh 17 May 2023 कविताएँ दुःखद दुनिया में हम अकेले ही चले 11354 0 Hindi :: हिंदी
किया जो विश्वास तूने अपनों पर बस धोखा ही तो खाया है , फिर क्यों तू इतना इतराया है, इसने घर-घर को जलाया , रिश्तो ने दे कर दुहाई हर अपने को लूट खाया , बेगाने हैं इससे भले दुनिया में हम अकेले चले।