Gunja kumari 30 Mar 2023 कविताएँ बाल-साहित्य 61717 0 Hindi :: हिंदी
पेड़-पौधो का है ,डेरा जानवरों का है, बसेरा परिंदों का है गगन।। देखने का है नजर , इंसानो का है मगन। पहलुओं का है अंत, नजारों का है अंत।। दिन हो या रात, नहीं मिलते नज़ारे। पहलुओं का है, अंत नजारों का है अंत।।