premlata suthar 28 Apr 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत ✍🏻🙏🏻 10011 1 5 Hindi :: हिंदी
मेरे चेहरे पर मुस्कान के खातिर वो जिद्द पर अड़ी थी। मेरे इस्तकबाल मे वो चाय लेकर खड़ी थी। जब उसकी चाय ना देख मैं आगे बड़ी थी। हजारो सवालात चेहरे पर लेकर वो खड़ी थी। एक अजनबी की ये मनुहार याद आती है। ए अजनबी तेरी वो बाते मुझे आज भी याद आती है। premlata suthar(Mishti sharma)_✍🏻🙏🏻
1 year ago