Danendra 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक 20437 0 Hindi :: हिंदी
चलना है मुझे, आगे बढ़ना है मुझे चाहे जो हो , रूकना नहीं मुझे उची उड़ान पर पर जाना है मुझे कैसे हार मान जाऊ तुझे किस्मत पे भरोसा कैसे करू मै कोशिश कर सफल होके दिखाऊंगा मै चाहे जो हो ,रुकना नहीं मुझे । चलना है,मंजिल पथ पर आगे बढ़ना है मुझे मंजिल की चोटी को छूकर दिखाऊंगा तुझे मै वादा करता हूं,युवा पीढ़ी ,मातृभूमि तुझसे सब्र रख, एक दिन विवेकानन्द बनके दिखाऊंगा तुझे चलना है मुझे ,आगे बढ़ना है मुझे चाहे जो हो, रुकना नहीं मुझे