Samar Singh 19 Apr 2023 कविताएँ धार्मिक कृष्ण जी की भक्ति से ही पाप दूर हो सकते है। 8039 0 Hindi :: हिंदी
दिल राधे- राधे हो गया। मेरे पापों की गठरी की न ले तलाशी, रे कान्हा! अँखियाँ तेरी दरश की प्यासी। अब तो आ जाइये, कि दिल राधे- राधे हो गया। तेरे धुन में गाते है, यमुना का तट, मधुबन का वट, तू माखनचोर, बड़ा नटखट। मैं हूँ तेरे दर्शन का अभिलाषी, वो कान्हा! अँखियाँ तेरी दरश की प्यासी। अब तो आ जाइये, कि दिल राधे- राधे हो गया। खो जाते है, बजे जब वंशी की तान, दिखे तेरी अधरों की मुस्कान, दया करो कृपानिधान। जीवन बन जाए मथुरा काशी, वो कान्हा! अँखियाँ तेरी दरश की प्यासी। अब तो आ जाइये, कि दिल राधे- राधे हो गया। रचनाकार- समर सिंह " समीर G "