कुमार किशन कीर्ति 24 May 2023 कविताएँ अन्य आशीष,प्यार, 5722 0 Hindi :: हिंदी
माँ..। क्या लिखूँ, और क्या वंदन करूँ? आपकी ममता के लिए। आपकी आशिष ही बहुत है हमें कामयाब बनाने के लिए। माँ...। ईश्वर भी जिन्हें पूजते हैं, वैसी देविस्वरूप है आप। हम बच्चों के लिए प्यार की खजाना है आप। माँ....। जब कभी मैं थक जाऊं, जीवन की राह में भटक जाऊँ। तब,आप मुझे थाम लेना, सच्ची राह दिखाकर, मुझे दिनकर बना देना।