मनीष राठौड 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य गोरी की रक्षा 9144 0 Hindi :: हिंदी
किसानों का यह असली साथी हर फुर्सत है ये इसके उपयोगी पीते हैं हम गौरी का गोरस बाड़ी साड़ी अपनी बनाते मक्खन छाछ दही जैसे और कई मिठाइयां हम खाते गोबर से खाद बनता उपयोग इसका खेत में होता हरी घास ये खाती हैं सुखे खानें में रह लेती हैं कभी न कोई इसकी शिकायत होती हर पल हर समय यह शांत रहती ग्रामों में लोग शौक से पालते शहरों में इसके लिए कोई घर नहीं गौशाला का निर्माण करवाओ माता रूपी गाय कि तुम सेवा करो रक्षा करो मनीष राठौड (मानाराम)