संदीप कुमार सिंह 30 Apr 2024 कविताएँ प्यार-महोब्बत मेरी कविता आप सभी पाठक को अवश्य ही पसंद आएगी. 1630 0 Hindi :: हिंदी
हार हुई सच्चाई की, झूठ की हो गई जीत। आज तेरे संसार की, सारी उल्टी हो गई रीत। प्रयास करने वाला हार रहा है,निठल्ले ले रहे मौज- कैसा है यह कुदरत का कानून?निभाती नहीं है प्रीत।। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍️
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....