Chanchal chauhan 16 Aug 2023 कविताएँ देश-प्रेम हमारी संस्कृति 17393 0 Hindi :: हिंदी
भारत देश महान हैं, यहां सभ्यता संस्कृति की मान हैं, जहां बड़ों की सेवा गुरु का मान हैं, आदर करते मात पिता का, भाई बहन का प्यार हैं, बनते यहां दिल से रिश्ते, ना दिखावे की आन हैं, सरम हया है नारी में, घुंघट की कुछ आन हैं, करते हैं मेहमानों की सेवा, करते उनका सत्कार हैं, घर आये को पूछे पानी, ये हमारे संस्कार हैं, भूखा ना जा पाये दर से, ऐसा कर्म विधान हैं, अपना ना बने पैसों से, मन के बनाये मीत हैं, बहुत हैं तीर्थ स्थल , बहती पवित्र नदियां की धार हैं, पूजे जाते हैं पत्थर, आस्था में भगवान हैं, मिलती हैं संतों की वाणी, सत्संग का साथ हैं, हाथ हैं सर पर गुरु का, ज्ञान का फैला प्रकाश हैं, जन्में यहां महापुरुष, अहिंसा का पाठ हैं, ऊंचे ऊंचे हैं पर्वत, हरे भरे पेड़ हरियाला भरा बाग हैं, लहराती फसलें, कोयल की प्यारी आवाज हैं, बैठी चिड़िया डाल पर, गीतों की बहार है, रंग बिरंगी फूलों पर , भौरों की धून सवार हैं, तितली इठलाती फिरती, मौसम की बाहार हैं, मधुमक्खी रस लेने निकली, बनाती मीठा रस पान हैं, भारत में जन्मे महापुरुष, उनकी गाथा महान हैं, आज सुरक्षित हैं हम, उनका ऐसान हैं, रहते हैं हम इस प्यारे भारत में, हम भाग्यवान हैं, लगते हैं खूब मेले, मस्ती का उपहास हैं, गाते हैं लोकगीत, यहां रिवाज हैं, पत्थर भी पूजे जाते हैं, ईश्वर में विश्वास हैं, होते यहां त्यौहार बड़े प्यारे, जलते हैं दीवाली में दिया बहुत सारे, हो जाता है रोशन कोना कोना, रहता नहीं कहीं अंधेरा, आता हैं सावन का महीना, गिरता हैं पेड़ों में झूला, धूम मचाते हैं सब, छाया रहता हरियाली का डेरा, देश रहे आबाद हमारा, देते हैं सैनिक प्राणों की देन, ना झुकने दो सर अपने देश का, करो कुछ ऐसा काम हैं, सिखा गये वीर हमें, कुछ करके दिखाओ।
Mera sapna tha apne bicharo ko logo tak phunchana unko jiwn ki sikh ,prerna dena unmai insaniyat jag...