Sudha Chaudhary 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य 83046 0 Hindi :: हिंदी
कोई पूछे मेरी आंखों से किस बात का गम है एक बात नहीं हर बात का गम है। आज उछला है यहां पानी कहीं पानी बहुत कम है हर बात का गम है। जी भी रहे हैं ऐसे जीना पाए हो जैसे जीत कर भी हार जाए इस राह में भी भ्रम है हर बात का गम है। सुधा चौधरी