Mk Rana 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य 15042 0 Hindi :: हिंदी
होली रे होली रे कितनी प्यारी होली। मिलन होने आई गालो से हरा गुलाबी नीला पीला, उदासी वाली चेहरों में उल्लास लाती है। कोई हल्की, कोई भारी, सदाबहार ये होली । होता रूप अजब निराला, कोई पतली, कोई छोटी, दुबली दिखती, गोल-मटोल, कोई मालपुवा जैसा। देखो सुन्दर लगती सारी, भाभी जैसा कोन प्यारी । होली का त्योहार तो भैया, इसके बिना रहे अधूरा, नहीं छोड़े दूजों पर जब तक, मजा नहीं आता है पूरा। गलियों में जब धूल उड़ती जब प्रीत की राग उमड़ती होली रे होली रे कितनी प्यारी होली