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जम्मू कश्मीर जल रहा है-आतंकवाद से

Samar Singh 10 Jun 2023 कविताएँ देश-प्रेम आतंकवाद से किसी का भला नहीं हो सकता, केवल मानवता की हानि है। 4932 0 Hindi :: हिंदी

दिल्ली दहल रहा है, 
बिहार बदल रहा है, 
कि आतंकवाद से, 
जम्मू- कश्मीर जल रहा है। 

यहाँ रोज होने लगे है धमाके, 
दिन में भी पड़ने लगे है डाँके। 
महाराष्ट्र मचल रहा है,
सारा हिंदुस्तान नहीं संभल रहा है।। 

वीरों की धरती पे रेंग रहा एक कीड़ा, 
आतंकवाद दे रहा एक- एक जन को पीड़ा। 
कि हर फौलादी सीना आग उगल रही है, 
कि आतंकवाद से जम्मू- कश्मीर जल रहा है।। 

रचनाकार-- समर सिंह " समीर G "

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