Ashok Kumar Yadav 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक 10212 0 Hindi :: हिंदी
कविता- पहला कदम विजय के लिए लक्ष्य पर ध्यान हो, नित्य कर्म में हो लगन खा कसम। एक ठौर रख सोच और समझ कर, जीवन जंग जीत का पहला कदम।। सही दिशा में पतवार को घुमाते चल, नदी की धारा तीव्र हो रही है प्रवाहित। मत छोड़ पालों को हवाओं के भरोसे, नाव डूबाने बैठा जल भंवर सन्निहित।। पर्वत शिखर दुर्गम, अटल, विकराल, आगे बढ़ तू फहराने जीत का झण्डा। चढ़ेगा,गिरेगा कई-कई बार फिसलेगा, ध्येय पाने अपना अनेक हथकण्डा।। जीवन कुरुक्षेत्र युद्ध का खुला मैदान, चक्रव्यूह भेदने धनुर्धारी अर्जुन बन। रख पास सदा गीता ज्ञान दाता कृष्ण, फिर लगा दे अपने कर्म में तन-मन।। जंग लड़ने के लिए खुद को तैयार कर, ध्यान से लगा एक तीर से एक निशाना। दृढ़ संकल्पित हो वैमनस्य को कर ढेर, जयन में शामिल होगा सारा जमाना।। परिचय- अशोक कुमार यादव निवासी- मुंगेली, छत्तीसगढ़ संप्राप्ति- सहायक शिक्षक, राष्ट्रीय कवि संगम इकाई के जिलाध्यक्ष। सम्मान- मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण 'शिक्षादूत' पुरस्कार से सम्मानित, उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान, छत्तीसगढ़ हिन्दी रत्न सम्मान, बेस्ट टीचर अवॉर्ड। घोषणा पत्र- मैं यह प्रमाणित करता हूं कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।