Ujjwal Kumar 30 Oct 2023 कविताएँ अन्य Zindagi 5229 0 Hindi :: हिंदी
जिंदगी ने डराया है तो उस डर को तोड़ना पड़ेगा । जो काम मिला है तुझे उसे पूरा तो करना पड़ेगा । चार दीवारों में जो यह अंधेरा है उसे रोशन तो करना पड़ेगा। मंजिल आज में हो या कल में उसके साथ तो चलना पड़ेगा। पथ में जो कांटे भरे पड़े है अब उसे फूल बनना पड़ेगा। मनोबल की ताकत को अब लक्ष्य के सामने झुकना पड़ेगा। मन में ठान ही लिया है तुमने तो पाषाण को भी पानी बनना पड़ेगा। परिश्रम के सामने आसमान को भी झुकना पड़ेगा। उज्ज्वल कुमार