Shivani singh 28 Jun 2023 कविताएँ अन्य 5114 1 5 Hindi :: हिंदी
काले बादल छाए हैं आसमान में, आँधी चली, तूफान आये हैं जहां में। धरती बिखरी हुई है रंगीन चादर से, सब जगह छाई हुई है अंधकार घने से। काले बादल गर्जने लगे तरंगों की तरह, बूंदें गिरती हैं धरती पर फुरसत से बरसती हैं। ये बादल अभिमानी हैं, अपनी बदलती हुई रूपवट से, वे आसमान को चमकाते हैं अपनी बिजली की चमक से। काले बादल के पीछे दरियाओं की धाराएं बहती हैं, पेड़-पौधों की छाया में खुशियां बसती हैं। ये बादल अनुग्रही हैं, मिटा देते हैं तापती धूप को, वे जगमगाते हैं अपनी बरसाती धुंध को। काले बादल की आंधी गर्जन दुःख लाती हैं, लेकिन वे देते हैं धरती को वृद्धि, नई जीवनशक्ति पाती हैं। ये बादल भीड़ और हलचल में अपना अर्थ ढूंढते हैं, वे जीवन को अमृत से सिंचते हैं, जीवन को उमंगों से भरते हैं। काले बादल हमेशा अपनी भूमिका निभाते हैं, जैसे एक कवि अपने काव्य को सुनाते हैं। वे हमेशा धरती के ऊपर चढ़कर खुद को बयां करते हैं, काले बादल अपने आंसू गिराते हैं, धरती को गोद में समेटते हैं। इस रंगीन विश्व में, काले बादलों की महत्वपूर्ण भूमिका है, वे ताजगी और उत्साह देते हैं, अपार संभावनाओं को लाते हैं। काले बादलों का सदैव आगमन विचारों को बदलता है, वे जीवन के आवागमन का प्रतीक होते हैं, नयी उम्मीद को बहाते हैं।
10 months ago