Poonam Mishra 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक काश दिल की कुछ ख्वाहिशें 52607 0 Hindi :: हिंदी
काश कोई इस सुने दिल में फिर से दीप जला जाए अपनों की इस दुनिया में अपनों की परिभाषा बतला जाए इस रंग बदलती दुनिया में कुछ रंग मुझे भी दे जाए अपनों गैरों का फर्क ना हो बसअपनापन ही दे जाए काश कोई इस सुने दिल में फिर से दिल चला जाए कुछ सपने हैं जो टूट गए कुछ अपने हैं जो रूठ गए इस रंग बदलती दुनिया से कुछ रंग मुझे भी दे जाए काश कोई इस सुने दिल में फिर से दिल चला जाए