Jyoti yadav 27 Jul 2023 कविताएँ समाजिक अब सम्भला जाए 💯 7281 0 Hindi :: हिंदी
🌹खुब की वकालत बड़ी दी सफाई बस वक्त ही गुजरा कुछ हाथ ना आई🥀 फिर सो🥀चा चलो खुद को ही बदला जाए क्यों वक्त बर्बाद करें अब सम्भला जाए💯 बात बात में समझाना छोड़ दिए मैं सही हूं सही हूं चिल्लाना छोड़ दिए जिसको जो कहना है कहे अब हम लोगों के मुंह लगना छोड़ दिए अब अपनी निन्दा करने वालों को भी गले लगाते हैं जो जैसा सुनता है उसे वैसा ही सुनाते हैं छोटी सी जिंदगी में काम बहुत हैं यहां कहीं खुशी तो कहीं सम्मान बहुत हैं हुए अपममानो पर क्यों ध्यान दिया जाए। क्यों वक्त बर्बाद करें अब सम्भला जाए 💯 ज्योति यादव के कलम से ✍️💓💓