संदीप कुमार सिंह 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक मेरी कविता प्रेरणा से भरपूर है जो पाठकों के लिए बहुत ही उपयोगी रहेगी। 62600 0 Hindi :: हिंदी
खुद का खुद से ध्यान रख, ध्यान भी कर, प्यार भी कर। नफरत की गन्दी हरकत दूर कर, यूं ही हसियों और खुशियों में सफर कर। खुवाबो का महल बना, उसे सही साबित करने, और अमली जामा पहनाने का प्रयत्न कर । याद रख आसमानों से बढ़ना है आगे, चांद_तारों से चलना है आगे। दुनिया की तूं परवाह ना कर, बेफिक्र अपना जिन्दगी जी। सीनों में उत्साह का, शिर्फ लहर रख, किसी भी परिस्थितियों पर, कहर बन जा।
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....