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माता सबकी जान है

Rambriksh Bahadurpuri 14 May 2023 कविताएँ समाजिक #Rambriksh Bahadurpuri #rambriksh Bahadurpuri Kavita #Rambriksh Bahadurpuri Ambedkar Nagar #ambedkarnagar kavi#ambedkar Nagar poetry #maa per kavita 6086 0 Hindi :: हिंदी

मां पर कविता 

माता  सबकी जान है
आन  बान  सम्मान है
ईश्वर  सी   वरदान  है
सारे गुण  की खान है 
और  कौन मां से बढ़कर है,
जिसका हममें प्राण है।

सबका पालनहार  है
जीवन  तारणहार  है
रग -रग की संचार है
वर्षा  धूप   बयार  है
झर झर झरते झरनों सी मां,
बहती  गंगा  धार  है। 

माता  जग  आधार  है
दिल की एक पुकार है
हर  सुख का संचार है
हर  प्यारों का प्यार है
उत्तर  दक्षिण  पूरब  पश्चिम,
धरती  नभ  संसार  है। 

वह गुरु ज्ञान विज्ञान है
सा  रे  गा मा तान है
मां  मीठी मुस्कान है
संस्कारों की खान है
कौन धरा पर मां से बढ़कर,
गीता और कुरान  है। 

दुनिया  की  तू धाम  है
तुमसे  सुबहो  शाम  है
तू  मन  की  विश्राम है
तुमसे कलम कलाम है
कवि करता कलमो से अपने,
माता  तुझे  प्रणाम  है।  

रचनाकार - रामबृक्ष बहादुरपुरी अम्बेडकरनगर यू पी

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