संदीप कुमार सिंह 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक मेरी कविता प्रेरणा से भरपूर और उत्साह वर्धक है। 48301 0 Hindi :: हिंदी
जिन्दगी संघर्ष है, जब तक संघर्ष के, इस आग में जलेंगे नहीं, तब तक सम्हलेंगें नहीं। चल ठान ले और मान ले, दिलों में तूफानों सा, उमंग ले_जीत हर जंग ले। चलकर मेरे कदमों में, नहीं आएगी मेरी हसीन सपना, उसे खुद के बल पर, हासिल करना पड़ेगा। बस अपने विचारों को जगा, और खुद जाग, रोकने वाले सारी ताकतें बिखर जायेगी, देखकर तेरा अटूट सतत शैली। लगे रह_जगे रह, सृजन की जुगार में रह, मन में विश्वास का सहारा रख। नहीं कोई मतलब, जहां के सितम से, बस अपने इरादों को हम देखते हैं। चिंटू भैया
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....