Rambriksh Bahadurpuri 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक मैं समय हूं कविता/Ambedkar Nagar poetry 54508 0 Hindi :: हिंदी
कल से कल तक ले आज खड़ा हूं हर युग हर पल कण-कण में पड़ा हूं राग रागिनी निडर निर्भय हूं घात अघात घातक प्रलय हूं क्योंकि मैं समय हूं | है कौन रहा ऐसा जग में, जिस संग सदा मैं रहा नहीं हूं पग पग पकड़ चला जो मुझको, लेकर उसको मैं और कहीं हूं क्योंकि मैं समय हूं || सतयुग द्वापर त्रेता कलयुग, धर्म-अधर्म का चला अंतर्युद्ध, द्वंद्व- द्वेष मैं पाप पुण्य हूं, तप ताप प्रताप विनम्र विनय हूं क्यों कि मैं समय हूं | जीवन पथ पर मैं चलूं अश्व सा, इंतजार करू न किसी पथिक का, मुझ संग होता जनम सभी का मुझ बिन हो न मरण किसी का मैं अजर अमर अजय-विजय हूं क्योंकि मैं समय हूं समय है आता हर सभी पर, समय न आता बारम्बार, जैसे भी हो जान लो मुझको दस्तक देता हूं एक बार क्योंकि मैं समय हूं रचनाकार-रामबृक्ष, अम्बेडकरनगर
I am Rambriksh Bahadurpuri,from Ambedkar Nagar UP I am a teacher I like to write poem and I wrote ma...