Shreyansh kumar 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक 500 91564 4 4.5 Hindi :: हिंदी
ममता की तू अजब दुलारी प्यार में तू न्यारी है, इस दुनिया में माँ तू मुझको सबसे ज्यादा प्यारी है, तेरी प्यारी छाँव में मुझे दुख-दर्द कुछ नहीं होता है, तुझ से पल भर दूर रहूँ तो माँ मुझे यह संसार फीका सा लगने लगता है। रिश्ते, मर्म,प्यार की गजब निशानी माँ तू अरमानो का सागर है, मेरे प्यारे से इस मुखडे की माँ तू ही तो एक निशानी है, अरमानो को पाने के लिए शहर को मैं निकला हूँ, तेरा प्यार नहीं है मेरे पास निज इस दुख को सहता हूँ । होटलों की रोटी मे जब स्वाद मुझे नहीं आता है, तेरे प्यारे हाथों की रोटी का वह गस्सा याद मुझे हमेशा आता है, अपने दुख-दर्द का तू कभी दिदार नहीं करती, माँ तू मुझे कभी किसी चीज के लिए इंकार नहीं करती । राम, क्रष्ण, महावीर भी तेरी गोदी मे खेले है, इस दुनिया के हर भगवान की मूरत में माँ मैंने तेरे चहरे देखे है।
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