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"मानस के राजहंस"

Anjani pandey (sahab) 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत ###प्यार में पागल एक प्रेम दीवानी## 17342 0 Hindi :: हिंदी

                    " मानस के राजहंस"
                                        "लहर के तारा"

जीवन की गोधूलि
                      मानस में चकोर सी चांदनी
हे-मानस के राजहंस
                         तुमसे ही सब रागिनी..
कौतूहल मन खिल उठता
                           मन विभोर खुशियों से
इस मानस में आए तुम
                           सब दुख भागे मिलने से..
कुछ पल बीत गए 
                        आंखो में आंसू सूख गए
नाम तुम्हारा रटते रटते
                       जिह्वा के छाले फूट गए..
मोती मानस के हंस तुम
               जैसे तपती गर्मी में नदी का किनारा तुम
मैं मौसम बन जाऊ सर्दी का
      हे मानस के राजहंश मेरे एक पग चलने का सहारा तुम..
इतनी दूरी तय कर आया
                     दो पग की अब कठिनाई है
हाथ लगाओ कंधे पर
                     हे मानस के राजहंस 
एक अबला अभागन आई है.....
        
अंजनी पांडेय (साहब)

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